फिल्म “इमरजेंसी” 2025 की भारतीय हिंदी-भाषा की ऐतिहासिक जीवनी नाटक है, जिसका निर्देशन और सह-निर्माण कंगना रनौत द्वारा किया गया है। इस फिल्म में कंगना रनौत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका में हैं, और यह 1975 से 1977 तक की भारतीय इमरजेंसी की अवधि को दर्शाती है।
फिल्म में अनुपम खेर जयप्रकाश नारायण, श्रेयस तलपड़े अटल बिहारी वाजपेयी, मिलिंद सोमन फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और महिमा चौधरी पुपुल जयकर की भूमिका में नजर आएंगे। यह फिल्म महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाओं और उस समय इंदिरा गांधी की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।
फिल्म को मिश्रित समीक्षा मिली है, जहां कुछ ने रनौत के प्रदर्शन और जटिल ऐतिहासिक अवधि को पकड़ने के साहसिक प्रयास की प्रशंसा की है, वहीं कुछ ने महसूस किया कि कहानी कथन में असंतुलन था और इसमें बहुत अधिक रचनात्मक स्वतंत्रता ली गई।

कलाकार
कंगना रनौत , अनुपम खेर , सतीश कौशिक , श्रेयस तलपदे , मिलिंद सोमण , महिमा चौधरी और अरमेंद्र शर्मा आदि
लेखक
कंगना रनौत , रितेश शाह और तनवी केसरी पसुमर्थी
निर्माता
कंगना रनौत , उमेश कुमार बंसल और , रेणु पिट्टी

कंगना रनौत ने जब बतौर निर्देशक अपनी पहली फिल्म ‘मणिकर्णिका’ बनाई तो लोगों ने उनके काम के प्रति ज्यादा गंभीरता दिखाई नहीं। एक नियोजित तरीके से उनकी फिल्म की शूटिंग के वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए गए और हर वो कोशिश की गई जो उनका हौसला तोड़ दे। लेकिन, कंगना ने हार नहीं मानी हैं। अब वह फिल्म मेकिंग का पूरा क्रैश कोर्स लेकर आई हैं, अपनी नई फिल्म ‘इमरजेंसी’ के रूप में। क्रैश कोर्स समझते हैं ना आप? किसी विषय को लेकर की गई पूरी तैयारी का फटाफट रिवीजन समझ लें या किसी विषय का सिंहावलोकन कराने के लिए कम समय में लेकिन बहुत ही संजीदगी से की गई मेहनत। फिल्म ‘इमरजेंसी’ भी क्रैश कोर्स जैसी ही है। लगा तो यही था कि ये जी सिनेमा और कंगना रनौत की मिली जुली मेहनत से बनी एक और ऐसी फिल्म होगी जिसमें बीती सरकारों पर लांछन लगेंगे, इतिहास के कुछ पन्नों को नए सिरे से लिखने की कोशिश होगी और एक तयशुदा एजेंडे पर फिल्म आगे बढ़ेगी। लेकिन, आश्चर्य ये है कि कंगना रनौत ने ऐसा कुछ भी इस फिल्म में नहीं किया है। हो सकता है फिल्म की रिलीज में देरी की ये भी बड़ी वजह हो। चुनाव से पहले ये फिल्म रिलीज होती तो शर्तिया कांग्रेस को फायदा पहुंचाती। इंदिरा के बारे में जो कांग्रेसी विस्तार से न जानते हों, उन्हें ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए और देश के हर जाग्रत नागरिक को ये फिल्म इसलिए देखनी चाहिए कि इंदिरा गांधी नाम की जो महिला इस देश में जन्मी, उसने कैसे दुनिया की दिग्गज ताकतों की नाक के नीचे दुनिया के नक्शे पर एक नए देश का खाका खींच दिया।