दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने लगे हैं. भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने जा रही है. करीब तीन दशक के बाद राजधानी में उसका वनवास खत्म हो रहा है. नई दिल्ली विधानसभा सीट से खुद अरविंद केजरीवाल चुनाव हार गए हैं. केजरीवाल का चुनाव हारना अपने आप में बहुत बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है. चुनाव आयोग के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी गठबंधन दिल्ली में 47 सीटों पर आगे है. वहीं, आम आदमी पार्टी 23 सीटों पर सिमटती दिख रही है. कांग्रेस पार्टी को फिर एक बार 0 सीट ही से संतुष्ट रहना पड़ सकता है. आम आदमी पार्टी के दिग्गजों की हार अपने आप में कई सवालिया निशान खड़े कर रही है. आइये जानें कि आप के कोन से टॉप 5 नेता इस चुनाव में चारों खाने चित्त रहे.

1. अरविंद केजरीवाल – नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की करारी हार हुई है. उनको भारतीय जनता पार्टी के परवेश साहिब सिंह वर्मा ने पटखनी दी है. तीसरे नंबर पर यहां कांग्रेस के संदीप दीक्षित रहे हैं. अरविंद केजरीवाल लगातार इस सीट से विधयाक और फिर राज्य के मुख्यमंत्री चुने जाते रहे. मगर इस बार वह विधानसभा में भी नहीं दिखलाई देंगे. पिछले साल तिहाड़ जेल से शराब नीति मामले में बाहर आने के बाद उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं. वह इस चुनाव में कालकाजी विधानसभा सीट से चुनाव जीत गई हैं.
2. मनीष सिसोदिया – नई दिल्ली की जंगपुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की करारी हार हुई है. य़हां से भारतीय जनता पार्टी के तारविंदर सिंह मारवा ने जीत दर्ज किया है. यहां तीसरे नंबर पर कांग्रेस के फरहाद सुरी रहे हैं. कांग्रेस के फरहाद सुरी को यहां 7 हजार के करीब वोट मिले, जो सिसोदिया और मारवा के बीच के अंतर से काफी अधिक हैं. यानी कांग्रेस से गठबंधन न करने का नुकसान आम आदमी पार्टी को उठाना पड़ा है. मनीष सिसोदिया पहले पटपड़गंज विधानसभा सीट से चुनाव जीतते थे. यहीं से जीतकर वह दिल्ली के शिक्षा मंत्री भी बने थे. मगर फिर शराब नीति मामले में जेल जाने से उनके समीकरण बिगड़ गए.
3. अवध ओझा – दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के रविंदर नेगी चुनाव जीत गए हैं. यहां से आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया विधायक हुआ करते थे. मगर फिर इस विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काटकर आम आदमी पार्टी ने अवध ओझा को प्रत्याशी बनाया था. अवध ओझा सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चों को पढ़ाते हैं. इस चुनाव में अवध ओझा और रविंदर नेगी की जीत का अंतर भी काफी रहा. यहां तीसरे नंबर पर कांग्रेस के अनिल कुमार रहे. कुमार को 13 हजार के करीब वोट मिले. रविंदर सिंह नेगी इस चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा करने और दोनों का एक दूसरे का पैर छूने को लेकर चर्चा में रहे थे.
4. सत्येन्द्र जैन – भारतीय जनता पार्टी के करनैल सिंह ने दिल्ली के एक अहम शकुर बस्ती विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के सत्येन्द्र जैन को हरा दिया है. सत्येन्द्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद रहे थे. फिर बाद में वह जेल से बाहर आने के बाद चुनाव ल़ड़े मगर सफलता नहीं हासिल कर सके. सत्येन्द्र जैन दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हुआ करते थे. जैन को करीब दो साल दिल्ली की तिहाड़े जेल में बिना किसी जमानत और ट्रायल के बिताने पड़े थे. जैन आम आदमी पार्टी की सरकार में गृह, ऊर्जा, पानी और शहरी विकास एवं सिंचाई मंत्रालय का भी जिम्मा संभाल चुके हैं.
5. सोमनाथ भारती – मालवीय नगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली ईकाई के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय चुनावी मैदान में थे. उपाध्याय का यहां मुकाबला आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती से था. सोमनाथ भारती को यहां उपाध्याय ने करीबी अंतर से हरा दिया. सोमनाथ भारती दिल्ली सरकार में कानून, पर्यटन, प्रशासनिक सुधार, कला और संस्कृति जैसे अहम मंत्रालय संभाल चुके हैं. वह सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में एक वकील के तौर पर वकालत भी करते हैं.
6. सौरभ भारद्वाज – दिल्ली की ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट से विधायक रहे सौरभ भारद्वाज बेहद करीबी अंतर से चुनाव हार गए हैं. भारतीय जनता पार्टी की शिखा रॉय 3 हजार 188 वोट से चुनाव जीत गई हैं. शिखा को कुल मिलाकर 49 हजार 594 वोट मिले. जबकि सौरभ भारद्वाज को 46 हजार 406 वोट हासिल हुए. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के गर्वित सिंह सिंह रहे. कांग्रेस को यहां 6 हजार 711 वोट हासिल हुए हैं.
