दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। लिस्ट में 29 नाम हैं। 16 सीटों पर कैंडिडेट बदले गए हैं जबकि 13 पर मौजूदा विधायकों को टिकट दी गई है।नई दिल्ली से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रवेश वर्मा चुनाव लड़ेंगे। कालकाजी से आतिशी के खिलाफ भाजपा ने रमेश बिधूड़ी को मैदान में उतारा है। इसी सीट से कांग्रेस ने अलका लांबा को टिकट दिया है।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द होने वाला है। आम आदमी पार्टी सभी 70 सीटों पर कैंडिडेट घोषित कर चुकी है। कांग्रेस ने भी अब तक तीन लिस्ट में 48 उम्मीदवार उतारे हैं।. प्रवेश वर्मा बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद हैं. दिल्ली चुनाव में यह मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता और वर्तमान मुख्यमंत्री हैं. यह देखना होगा कि जनता किसे अपना समर्थन देती है और कौन इस चुनाव में विजयी होता है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट जारी की है, जिसमें 29 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इस लिस्ट में सबसे चर्चित नाम है प्रवेश वर्मा का, जिन्हें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली सीट से मैदान में उतारा गया है। प्रवेश वर्मा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद हैं। वे पश्चिमी दिल्ली से सांसद रह चुके हैं और उनके पिता, साहिब सिंह वर्मा, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री थे। प्रवेश वर्मा की राजनीति में अच्छी पकड़ और अनुभव है, जो इस चुनाव को और रोचक बना देता है। अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख नेता और वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने दिल्ली में अपनी लोकप्रियता और कार्यों के बल पर एक मजबूत पकड़ बनाई है। प्रवेश वर्मा के सामने एक बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि केजरीवाल की लोकप्रियता और AAP की जनाधार के खिलाफ उन्हें चुनाव लड़ना होगा।
दिल्ली चुनाव में मुख्य मुद्दे शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, और महिलाओं की सुरक्षा होंगे। अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इन क्षेत्रों में कई योजनाएं चलाई हैं, जिनसे जनता में उनकी छवि काफी सकारात्मक बनी है। वहीं, बीजेपी की तरफ से प्रवेश वर्मा भी जनता के सामने अपनी पार्टी की योजनाओं और वादों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करेंगे। यह चुनाव दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण है। अगर बीजेपी प्रवेश वर्मा के जरिये केजरीवाल को मात देती है, तो यह उनके लिए एक बड़ी राजनीतिक सफलता होगी। दूसरी तरफ, केजरीवाल अगर फिर से जीतते हैं, तो यह उनकी मजबूत पकड़ का प्रतीक होगा। दिल्ली चुनाव के परिणाम न केवल स्थानीय, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अब यह देखना बाकी है कि जनता किसे अपना समर्थन देती है और कौन इस चुनावी मैदान में विजयी होता है।



