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स्कूलों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध को लेकर कई देशों में मंथन

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School mein smaartaphon ke istemaal par pratibandh ko lekar kaee deshon mein manthan

स्कूल में स्मार्टफोन की जरूरत नहीं! चीन, बेल्जियम और स्पेन समेत कई देशों में लगा बैन; जानिए भारत में क्या है स्थिति

चीन के झेंग्झू शहर ने प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में भी फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। डेनमार्क और फ्रांस दोनों ने गूगल वर्कप्लेस पर प्रतिबंध लगा दिया है जबकि जर्मनी के कुछ राज्यों ने माइक्रोसॉफ्ट प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन भारत में अभी तक कोई नीति नहीं बनी है। स्कूलों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध में दुनिया में मंथन हो रहा है।

फ्रांस में दिया गया डिजिटल ब्रेक का सुझाव

तुर्कमेनिस्तान ने भी लगाया है प्रतिबंध

बेल्जियम, स्पेन और ब्रिटेन में दिखे नतीजे

शैक्षणिक संस्थानों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाये अथवा नहीं – इस विषय पर कई देशों में मंथन चल रहा है। बच्चों की शिक्षा एवं उनकी गोपनीयता पर स्मार्टफोन के असर को देखते हुए दुनिया भर में कम से कम 79 शिक्षा प्रणालियों ने स्कूलों में स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगा दिया है।

यूनेस्को की वैश्विक शिक्षा निगरानी (जीईएम) टीम के अनुसार, 60 शिक्षा प्रणालियों (वैश्विक स्तर पर पंजीकृत कुल शिक्षा प्रणालियों का 30 प्रतिशत) ने विशेष कानूनों या नीतियों के माध्यम से 2023 के अंत तक स्कूलों में स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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भारत में अब तक कोई नीति नहीं

2024 के अंत तक इस सूची में 19 और शामिल हो गए। इससे ऐसे शिक्षा प्रणालियों की कुल संख्या 79 (या 40 प्रतिशत) हो गई है। जहां तक भारत की बात है, तो इसने अभी तक शैक्षणिक संस्थानों में स्मार्टफोन के उपयोग पर कोई विशिष्ट कानून या नीति नहीं बनाई है।

गौरतलब है कि पिछले साल कुछ प्रतिबंध और भी सख्त हो गए। उदाहरण के लिए, चीन के झेंग्झू शहर ने प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में भी फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें अभिभावकों से लिखित सहमति मांगी गई है कि वास्तव में शैक्षणिक कारणों से फोन की जरूरत है।

सऊदी ने वापस लिया प्रतिबंध

फ्रांस में निम्न माध्यमिक विद्यालयों में ‘डिजिटल ब्रेक’ का सुझाव दिया गया था। हालांकि, अन्य शिक्षा स्तरों पर पहले से ही फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। इसके विपरीत, सऊदी अरब ने चिकित्सा उद्देश्यों के लिए दिव्यांग-संगठनों के विरोध के कारण अपने प्रतिबंध को वापस ले लिया।

जीईएम टीम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्ण प्रतिबंधों के अलावा कुछ देशों ने गोपनीयता संबंधी चिंताओं के कारण स्मार्टफोन के एजुकेशन सेटिंग्स में कुछ खास एप के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। डेनमार्क और फ्रांस दोनों ने गूगल वर्कप्लेस पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि जर्मनी के कुछ राज्यों ने माइक्रोसॉफ्ट प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है।

ये प्रतिबंध शिक्षा के स्तर के अनुसार भी भिन्न-भिन्न होते हैं। अधिकांश देश प्राथमिक विद्यालयों पर फोकस करते हैं और इजराइल जैसे कुछ देश किंडरगार्टन पर। तुर्कमेनिस्तान जैसे अन्य देशों ने प्रतिबंध को माध्यमिक विद्यालय तक बढ़ा दिया है।

स्मार्टफोन पर रोक के बेहतर परिणाम

जीईएम रिपोर्ट-2023 के अनुसार, ‘सिर्फ मोबाइल फोन का पास में होना और उस पर नोटिफिकेशन आना भी छात्रों का ध्यान काम से भटकाने के लिए काफी है।

एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि एक बार ध्यान भटक जाने के बाद छात्रों को फिर से ध्यान केंद्रित करने में 20 मिनट तक लग सकते हैं। बेल्जियम, स्पेन और ब्रिटेन के स्कूलों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर रोक से छात्रों द्वारा सीखने के परिणामों में सुधार हुआ।

विजय गर्ग
सेवानिवृत्त प्रिंसिपल शैक्षिक स्तंभकार स्ट्रीट कौर चंद एमएचआर मलोट, पंजाब

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