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जाकिर नाइक पाकिस्तान में बनेगा मेहमान, करेगा ‘ज्ञान की बातें’

इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को पाकिस्तान ने आमंत्रित किया है, जोकि हमेशा अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहता है. जाकिर नाइक पर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और भड़काऊ भाषण देने को लेकर UAPA के तहत केस दर्ज किया गया था. पाकिस्तान की ओर से मिले न्योते की जानकारी खुद जाकिर नाइक ने दी है.

जाकिर नाइक ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्टर शेयर की है और कहा है, वो और उसका बेटा शेख फारिक नाइक पाकिस्तान सरकार के निमंत्रण पर पाकिस्तान में स्पीच देंगे. उसने बताया कि वो और उसका बेटा पाकिस्तान के तीन शहरों में स्पीच देंगे. वो कराची में 5-6 अक्टूबर, लाहौर में 12-13 अक्टूबर और इस्लामाबाद में 19-20 अक्टूबर को जनता को संबोधित करेंगे.

भारत वापस आने को लेकर क्या कहा?

हाल ही में जाकिर नाइक ने पाकिस्तान के एक यूट्यूबर के पॉडकास्ट में भारत वापस आने, खुद पर लगे हुए आरोप और पीएम मोदी तक को लेकर बातचीत की. जाकिर नाइक आरोपों के चलते साल 2016 में भारत से मलेशिया चला गया था.

Zakir Naik

जाकिर नाइक ने शेयर किया पोस्टर

जब नाइक से भारत वापस आने को लेकर सवाल पूछा गया तो उसने तंज भरे अंदाज में कहा, भारत जाना तो बहुत आसान है, लेकिन वहां से बाहर निकलना मुश्किल है. जब मैं भारत जाऊंगा तो रेड कॉर्पेट बिछा दिया जाएगा और कहा जाएगा कि अंदर आओ और जेल में बैठो. साथ ही इस्लामिक स्कोलर ने कहा, उनकी लिस्ट में नंबर वन आतंकी तो मैं ही हूं.”

“मेरे ऊपर कई आरोप दर्ज”

जाकिर नाइक ने अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर कहा, मेरे ऊपर काफी इल्जाम लगाए गए हैं, लेकिन एक भी आरोप साबित नहीं हो पाया है. उसने कहा, मेरे ऊपर आरोपों की शुरुआत बांग्लादेश के हमले से हुई. 1 जुलाई 2016 में आतंकी हमला हुआ था, इस हमले में 4-5 आतंकी शामिल थे. एक आतंकी मेरे फैसबुक का फॉलोअर था और इसी पर आरोप लगाया गया था कि मुझसे प्रेरित होकर उसने आतंकी हमला किया. जाकिर नाइक ने पीएम मोदी को लेकर कहा, अभी तक तो 10 साल उनके बहुत अच्छे थे, लेकिन इस लोकसभा चुनाव में उनकी लोकप्रियता कम हो गई.

जाकिर नाइक पर क्या कहता है मलेशिया?

इस्लामिक उपदेशक को महातिर मोहम्मद के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने मलेशिया में स्थायी निवास की अनुमति दी थी. मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने जाकिर नाइक को लेकर भारत के अनुरोध पर विचार करने का संकेत दिया था. उन्होंने कहा कि सबसे पहले, यह मुद्दा (भारतीय पक्ष) द्वारा नहीं उठाया गया, प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) ने इसे बहुत पहले उठाया था, कुछ साल पहले… लेकिन मसला यह है कि मैं एक व्यक्ति के बारे में बात नहीं कर रहा हूं, मैं उग्रवाद की भावना के बारे में बात कर रहा हूं, एक बाध्यकारी मामले और सबूत के बारे में बात कर रहा हूं. जो किसी व्यक्ति या समूह या गुट या पार्टियों द्वारा किए गए अत्याचारों का संकेत देते हों, जो किसी व्यक्ति या समूह या गुट या पार्टियों द्वारा किए गए महापाप को साबित करे.

उन्होंने कहा, हम आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देंगे…इसको लेकर हमारा रुख स्पष्ट है और हम आतंकवाद के खिलाफ इनमें से कई मुद्दों पर भारत के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस एक मामले की वजह से हमें आगे के सहयोग और हमारे द्विपक्षीय संबंध में गतिरोध पैदा करना चाहिए.

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